Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama

सरताजन के ताज मु’ईनउद्दीन

पीर नसीरुद्दीन नसीर

सरताजन के ताज मु’ईनउद्दीन

पीर नसीरुद्दीन नसीर

रोचक तथ्य

مناقب در شان غریب نواز خواجہ معین الدین چشتی (اجمیر-بھارت)

सरताजन के ताज मु'ईनउद्दीन

तुम हो जगत महाराज मु'ईनउद्दीन

तुम्हरे द्वारे आन पढ़ी हूँ

राखियो राखियो लाज मु'ईनउद्दीन

तुम हो आल-ए-अली-ओ-ज़हरा

बिगड़े सँवारो काज मु'ईनउद्दीन

सदक़ा पीर-ए-हारूनी का

भाग जगा दो आज मु'ईनउद्दीन

शाह-ए-शहाँ अजमेर के ख़्वाजा

हिन्द पे तोरा राज मु'ईनउद्दीन

ग़ैर का मुँह काहे को देखूँ

हुस्न की हो पुखराज मु'ईनउद्दीन

मैं बे-आब हक़ीर सा क़तरा

तुम बह्र-ए-मव्वाज मु'ईनउद्दीन

तुम्हरे पाँव में सर रख देना

फ़क़्र की है मे'राज मु'ईनउद्दीन

तुम ही तो हो इक मोरे साजन

बिप्ता सुनो मोरी आज मु'ईनउद्दीन

क्यूँ जपूँ मैं नाम तिहारा

तुम हो मोरे सरताज मु'ईनउद्दीन

मैं हूँ एक ग़रीब भिकारन

तुम हो ग़रीब-नवाज़ मु'ईनउद्दीन

तुम्हरे द्वार बिना कित जाऊँ

मैं निर्धन मोहताज मु'ईनउद्दीन

मैं क्यूँ जाऊँ दर से ख़ाली

लेके उठूँगी आज मु'ईनउद्दीन

रख लो हुसैन-ओ-हसन के सदक़े

अपने 'नसीर' की लाज मु'ईनउद्दीन

वीडियो
This video is playing from YouTube

Videos
This video is playing from YouTube

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

नुसरत फ़तेह अली ख़ान

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY
बोलिए