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Sufinama

मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

इश्तियाक़ आलम शहबाज़ी

मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

इश्तियाक़ आलम शहबाज़ी

MORE BYइश्तियाक़ आलम शहबाज़ी

    रोचक तथ्य

    منقبت در شان غریب نواز خواجہ معین الدین چشتی (اجمیر-راجستھان)

    वलियन सारे तुम पर वारी

    नाम जपे है दुनिया सारी

    सब के गुरु तुम ही हो दाता

    सब हैं तुम से निहाल

    मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

    या मु'ईनुद्दीन चिश्ती मोरे लज-पाल

    आल-ए-नबी औलाद-ए-अली हो

    तुम तो ख़्वाजा पंजतनी हो

    तुम से रंग नबी का झलके

    फूटे 'अली का गुलाल

    मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

    या मु'ईनुद्दीन चिश्ती मोरे लज-पाल

    कब दुखियन के भाग जगेंगे

    सूने मन में फूल खिलेंगे

    निस दिन नीर बहाएँ अखियाँ

    निस दिन जियारा निढाल

    मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

    या मु'ईनुद्दीन चिश्ती मोरे लज-पाल

    वारन दे 'उस्मान हारूनी

    चिश्ती पीर की 'उम्र हो दूनी

    दाता क़ुतुब फ़रीद सुनाईं

    मंगल हो के निहाल

    मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

    या मु'ईनुद्दीन चिश्ती मोरे लज-पाल

    काल अकाल सब टालो ख़्वाजा

    अपना 'ज़िया' को बना लो ख़्वाजा

    मोरे पीर गुरु मोरे स्वामी

    खेवन-हारे सतपाल

    मोहे कृपा कर दो ख़्वाजा 'अली जी के लाल

    या मु'ईनुद्दीन चिश्ती मोरे लज-पाल

    स्रोत :
    • पुस्तक : Jalwa-e-Gul Lafz-ba-Lafz (पृष्ठ 87)

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