महबूब-ए-इलाही हो सुल्तान निज़ामुद्दीन
रोचक तथ्य
منقبت در شان محبوبِ الٰہی خواجہ نظام الدین اؤلیا (دہلی-بھارت)
महबूब-ए-इलाही हो सुल्तान निज़ामुद्दीन
है चिश्त के वलियों में क्या शान निज़ामुद्दीन
ये चिशत-नगर की सब दौलत का करिश्मा है
ये फ़ैज़-ए-फ़रीदी है फ़ैज़ान निज़ामुद्दीन
सदक़ा-ए-नसीरउद्दीन कुछ भीक 'अता कीजे
ख़ाली है मेरा भर दो दान निज़ामुद्दीन
है बाग़-ए-फ़रीदी में क्या फूल खिले देखो
गर दिल है 'अली अहमद तो जान निज़ामुद्दीन
तौहीद के नग़्मे हैं जो आप का फ़रमाना
और रू-ए-मुनव्वर है क़ुरआन निज़ामुद्दीन
चिलमन को उठा दीजे दीदार दिखा दीजे
'आलम हुआ जाता है क़ुर्बान निज़ामुद्दीन
इस 'अमीर' को उस मय की तलछट ही 'अता कीजे
जो बख़्शा है ख़ुसरौ को 'इरफ़ान निज़ामुद्दीन
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