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Sufinama

ख़ास वली-ए-महबूब-ए-ख़ुदा हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

अज्ञात

ख़ास वली-ए-महबूब-ए-ख़ुदा हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

अज्ञात

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    रोचक तथ्य

    منقبت در شان محبوبِ الٰہی خواجہ نظام الدین اؤلیا (دہلی-بھارت)

    ख़ास वली-ए-महबूब-ए-ख़ुदा हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    हादी-ए-मौला राह-नुमा हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    मशरिक़ मग़रिब तेरी धूम 'अर्श ’उला पर है मर्क़ूम

    नाम तिरा सब को मा'लूम हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    तुम हो ख़ुदा के ख़ास वली मह्रम-ए-राज़-ए-ख़फ़ी-ओ-जली

    और मक़बूल नबी-ओ-’अली हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    हर मज़हर-ए-असरार हो तुम रौशन-ए-क़ुतुब-ए-मदार हो तुम

    बे-यारों की यार हो तुम हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    चश्मा-ए-फ़ैज़ तेरी दरगाह ’आरिफ़-ए-वाक़िफ़ सिर्र-ए-इलाह

    मुझ पे करम की होवे निगाह हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    बेकस 'आजिज़ हूँ लाचार तुम बिन और नहीं ग़म-ख़्वार

    बहर-ए-ख़ुदा अब लीजो सार हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

    'मीराँ शाह पे कीजो नज़र बहर-ए-जनाब-ए-गंज-ए-शकर

    आन पड़ा हूँ आप के दर हज़रत-ए-पीर निज़ामुद्दीन

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