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Sufinama

प्यार के फूल चढ़ाने के लिए आए हैं

फ़ना बुलंदशहरी

प्यार के फूल चढ़ाने के लिए आए हैं

फ़ना बुलंदशहरी

MORE BYफ़ना बुलंदशहरी

    रोचक तथ्य

    منقبت در شان گنجِ شکر بابا فریدالدین مسعود (پاک پٹن-پنجاب)

    प्यार के फूल चढ़ाने के लिए आए हैं

    अपने बाबा को मनाने के लिए आए हैं

    दिल में मे'राज-ए-'इबादत की तमन्ना ले कर

    सर तिरे दर पे झुकाने के लिए आए हैं

    अपने मुहताजों पे फ़रमाओ करम गंज-ए-शकर

    हाल-ए-ग़म तुम को सुनाने के लिए आए हैं

    सदक़ा-ए-ख़्वाजा क़ुतुब हाज़िरी ये कर लो क़ुबूल

    जान-ओ-दिल तुम पे लुटाने के लिए आए हैं

    हो करम गंज-ए-शकर आज ये दीवाने तिरे

    बिगड़ी तक़दीर बनाने के लिए आए हैं

    हुस्न बाबा पे फ़िदा हो के ये सब दीवाने

    महफ़िल-ए-'इश्क़ सजाने के लिए आए हैं

    फ़ैज़याब उन से फ़क़त तू ही नहीं देख 'फ़ना'

    मेरे सरकार ज़माने के लिए आए हैं

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