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सलाम ऐ फ़ातिमा के लाल ऐ महबूब-ए-सुबहानी

अज्ञात

सलाम ऐ फ़ातिमा के लाल ऐ महबूब-ए-सुबहानी

अज्ञात

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    रोचक तथ्य

    مناقب در شان غوث پاک شیخ عبدالقادر جیلانی (بغداد-عراق)

    सलाम फ़ातिमा के लाल महबूब-ए-सुबहानी

    सलाम पेशवा-ए-औलिया क़ुत्ब-ए-रब्बानी

    सलाम इफ़्तिख़ार-ए-दो-जहाँ ज़िल्ल-ए-यज़्दानी

    सग-ए-दरगाह-ए-मीराँ शो चु ख़्वाही क़ुर्ब-ए-रब्बानी

    कि बर शेराँ शरफ़ दारद सग-ए-दरगाह-ए-जीलानी

    जब दम-ए-आख़िर ख़याल आया बड़े ग़म साथ हैं

    उन की रहमत बोल उट्ठी ग़म कर हम साथ हैं

    अक़रबा क्यूँ रो रहे हो मैं कोई तन्हा नहीं

    हूँ ग़ुलाम-ए-ग़ौस-ए-आ'ज़म ग़ौस-ए-आ'ज़म साथ हैं

    क्या ही प्यारा है ये नाम-ए-दस्तगीर

    ख़ुद-ब-ख़ुद दिल है ग़ुलाम-ए-दस्तगीर

    मुनकिरो नार-ए-जहन्नम से डरो

    हश्र में होगा निज़ाम-ए-दस्तगीर

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