या सय्यदी या मुस्तफ़ा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
या सय्यदी या मुस्तफ़ा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
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या सय्यदी या मुस्तफ़ा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
ऐ बादशाह-ए-अंबिया बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
शाहनशह-ए-मज्द-ओ-’ओला बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
बहर-ए-'अता अब्र-ए-सख़ा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
आदम से ता 'ईसा नबी महशर में ये चिल्लाएँगे
ऐ शाफ़े'-ए-रोज़-ए-जज़ा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
उम्मत की हालत है ख़राब ऐ सरवर 'आली जनाब
अब वक़्त है इमदाद का बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
शनवा मिरी फ़रियाद हो तैबा में मेरी याद हो
दिल अब नहीं है मानता बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
तारीकी-ए-दिल दूर हो जाँ नूर से मा'मूर हो
शम्सुज़्ज़हा बदरुद्दुजा बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
ये आस्ताना छोड़ कर फ़रमाइए जाए किधर
'हसरत' है ख़ादिम आप का बहर-ए-ख़ुदा चश्म-ए-करम
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