हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।
हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।
महात्मा कल्याणदास जी
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हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।
हम घर आये हरि का जना, राम रतन धन पायो मना।।
दर्शन परसन ज्ञान विचार, राम रतन धन पायो अपार।।
चार मुक्ति सहजै घर पाई, प्रेम प्रीति अन्तर ल्यौ लाई।।
सबद साधन को दर्शन पावै, इडा पिंगला सुखमन गावै।।
कल्याणदास जन बलि बलि जाई, दर्शन परसन रहै समाई।।
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