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निगाहे अज़ करम या मुस्तफ़ा कुन

ग़ौसी शाह

निगाहे अज़ करम या मुस्तफ़ा कुन

ग़ौसी शाह

MORE BYग़ौसी शाह

    निगाहे अज़ करम या मुस्तफ़ा कुन

    मरीज़ान-ए-मोहब्बत रा दवा कुन

    मुस्तफ़ा निगाह-ए-करम फ़रमाईए

    मोहब्बत के मरीज़ों की दवा कीजिए

    तु जान-ए-’आलमी रूह-ए-जहानी

    ख़ुदा रा जानिब-ए-मा चश्म वा कुन

    आप दुनिया की जान और जहान की रूह हैं

    ख़ुदा के लिए हमारी तरफ़ नज़र फ़रमाईए

    वले अज़ रंज-ओ-ग़म दारेम ममलू

    ज़-क़ैद-ए-रंज-ओ-ग़म मा रा रिहा कुन

    रंज-ओ-ग़म से हमारा दिल भर गया है

    मुझे रंज-ओ-ग़म की क़ैद से नजात दीजिए

    तु नूर-ए-किबरियाई या मोहम्मद

    निगाहे लुत्फ़ बहर-ए-किबरिया कुन

    मोहम्मद आप नूर-ए-किब्रिया हैं

    ख़ुदा के लिए निगाह-ए-करम कीजिए

    ब-तूफ़ान-ए-ग़म आमद कश्ती-ए-मा

    मदद बहर-ए-ख़ुदा ना-ख़ुदा कुन

    हमारी कश्ती ग़म के तूफ़ान में है

    ख़ुदा के लिए ना-ख़ुदा मदद कीजिए

    ग़ुलामानेम गरचे ’आसियानेम

    करम बर हाल-ए-मा बहर-ए-ख़ुदा कुन

    हम गरचे गुनहगार हैं लेकिन आपके ग़ुलाम हैं

    ख़ुदा के लिए हमारे हाल पर करम कीजिए

    नक़ाब अज़ चेहरः वा कुन जल्व: ब-नुमा

    बिया रहमे ब-हाल-ए-ज़ार मा कुन

    अपने चेहरे से नक़ाब हटाइए और जल्वा दिखाईए

    आईए और हमारे हाल-ए-ज़ार पर रहम कीजिए

    तु जुम्लः-ए-क़िब्लः-ए-हाजात माई

    ज-रहमत जुम्लः-ए-हाजातम रवा कुन

    आप हमारी तमाम ज़रूरतों को पूरा करने वाले हैं

    अपनी रहमत से हमारी तमाम ज़रूरतों की तक्मील फ़रमईए

    ग़रीक़-ए-बहर-ए-’इस्यानस्त 'ग़ौसी'

    ब-हालश लुत्फ़ बहर-ए-मुर्तज़ा कुन

    ग़ौसी गुनाहों के समुंद्र में ग़र्क़ है

    मुर्तज़ा के लिए इसके हाल पर रहम फ़रमाईए

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