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Sufinama

ऐ कि अनीस-ए-मन तुई बे-तू बसर नमी शवद

रूमी

ऐ कि अनीस-ए-मन तुई बे-तू बसर नमी शवद

रूमी

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    कि अनीस-ए-मन तुई बे-तू बसर नमी शवद

    यार-ओ-जलीस-ए-मन तुई बे-तू बसर नमी शवद

    तूही मेरा साथी है, मैं तेरे बग़ैर नहीं रह सकता

    तूही मेरा दोस्त और मेरा साथी है, मैं तेरे बग़ैर नहीं रह सकता

    अज़ तू जफ़ा हमी रसद बू-ए-वफ़ा हमी रसद

    दर हमः जा ज़ नेक-ओ-बद बे-तू बसर नमी शवद

    तू मुझ पर जफ़ा भी करता है, तू मुझ से वफ़ा भी निभाता है

    जो भी अच्छा और बुरा है तू है, मैं तेरे बग़ैर नहीं रह सकता

    साक़ी-ए-'आरिफाँ तुई महरम-ए-'आशिक़ाँ तुई

    हमदम-ए-बे-दिलाँ तुई बे-तू बसर नमी शवद

    तूही साक़ी ’आरिफ़ और तूही ’आशिक़ों का राज़दार है

    परेशान हाल लोगों का तूही साथी है, मैं तेरे बग़ैर नहीं रह सकता

    जान-ए-मन-ओ-यार-ए-मन दौलत-ए-पायदार-ए-मन

    बाग़-ए-मन-ओ-बहार-ए-मन बे-तू बसर नमी शवद

    तू मेरी जान, मेरा दोस्त और मेरी पायदार दौलत है

    तू मेरा बाग़ और तूही मेरी बहार है, मैं तेरे बग़ैर नहीं रह सकता

    बस्तः लबम दरीं ज़माँ शह-ए-मुल्क-ए-जाविदाँ

    महरम-ए-दिल-नवाज़-ए-मन बे-तू बसर नमी शवद

    मुल्क-ए-जावेदाँ के बादशाह मैंने अपनी ज़बान बंद कर ली है

    तूही मेरा बेहतरीन राज़दाँ है, मैं तेरे बग़ैर नहीं रह सकता

    स्रोत :
    • पुस्तक : कुल्लियात-ए-शम्स तबरेज़ी (पृष्ठ 259)

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