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मस्त-ओ-ख़राब मी-रवम अज़ मय-ए-’इश्क़-ए-ज़ुल-’ओला

रूमी

मस्त-ओ-ख़राब मी-रवम अज़ मय-ए-’इश्क़-ए-ज़ुल-’ओला

रूमी

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    मस्त-ओ-ख़राब मी-रवम अज़ मय-ए-'इश्क़-ए-ज़ुल-'ओला

    बीम-ए-न-दारम अज़ बला तन तलला तला लल्ला

    मैं ’इश्क़ की शराब से मस्त और बदहाल हूँ, तन तलला तला लला

    मुझे किसी मुसीबत का कोई ख़ौफ़ नहीं है, तन तलला तला लला

    'आशिक़म-ओ-मुजर्रदम चूँ शह-ए-चर्ख़ मुफ़रदम

    ग़म न-ख़ूरम ज़मान: रा तन तलला तला लला

    मैं ’आशिक़ हूँ और तन्हा हूँ, आसमान वाले की तरह अकेला हूँ

    मुझे दुनिया का कोई ख़ौफ़ नहीं है, तन तलला तला लला

    राह-ए-ख़ुदा हमी-रवम बा-सर-ओ-पा हमी-रवम

    गर तू हरीफ़ी अस्सला तन तलला तला तला

    ख़ुदा के रास्ते में चल रहा हूँ, पूरे वुजूद के साथ जा रहा हूँ

    अगर तू मेरा हरीफ़ हो जाए तो क्या कहना, तन तलला तला लला

    दर रह-ए-मू शर्ह-ए-मरा हस्त हज़ार-ओ-यक नवा

    चीस्त बगो दराँ दिला तन तलला तला लल्ला

    मेरे क़िस्से की हज़ारों शरहें मौजूद हैं

    उस में सही और दुरुस्त क्या है दिल तुम ही कहो, तन तलला तला लला

    नीस्त परी मन सनम देव परी बेश-ओ-कम

    शादम-ओ-ख़ुर्रम-ओ-हला तन तलला तला लला

    सनम वो परी नहीं है, वो देव भी है परी भी

    फिर भी मैं ख़ुश-ओ-ख़ुर्रम हूँ, तन तलला तला लला

    स्रोत :
    • पुस्तक : कुल्लियात-ए-शम्स तबरेज़ी (पृष्ठ 53)

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