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Sufinama

राग ललित- सुमिर-सुमिर नर उतरो पार

सहजो बाई

राग ललित- सुमिर-सुमिर नर उतरो पार

सहजो बाई

MORE BYसहजो बाई

    सुमिर-सुमिर नर उतरो पार

    भवसागर की लक्षण धार

    धर्म जहाज माहिं चढि लीजै

    भल-भल तामें पग दीजै

    शुभ कर्मन को लागी कीजै

    हरि मारग की लगैं वयार

    नन्द वान पुनि ताहि चलावै

    पाप भरै तौ चल पावै

    काम क्रोध लूटन को आवै।

    नवधान हुइ करो सम्हार

    मानपहारी तहां रत हैं

    आशा-तृष्णा भँवर परत हैं पांच हार

    ध्यान धनी का हृदय धारे

    गुरु किरपा सूं लगै किनारे

    जब तेरी वोहद उतरै नार

    जनम मरण दुख बिपता टार

    चौथे में आनंद पावै

    या जगमें तू बहुरि आवै

    चरणदास गुरुदेव चितावै

    सहजो बाई की विचार

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