रूबाईयात
रबाईआत रुबाई की जमा है, ये अरबी का लफ़्ज़ है जिसके मअनी चार के हैं। शायराना मज़मून में रुबाई इस सिन्फ़ का नाम है जिसमें चार मिसरों में एक मुकम्मल मज़मून अदा किया जाता है। रुबाई के 24 ओज़ान हैं, पहले दूसरे और चौथे मिसरे में क़ाफ़िया लाना ज़रूरी है।
आ’लमी फ़ारसी रुबाई-गो शाइ’र और फ़लसफ़े की दुनिया का उस्ताद जिनका अपना कलेंडर था, आपके इ’ल्म-ओ-फ़ज़्ल का ए’तराफ़ अहल-ए-ईरान से बढ़ कर अहल-ए-यूरोप ने किया