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Sufinama

सलाम

यह एक विधा है जिसमे पीर,पैग़म्बर और बुजुर्गों पर सलाम भेजा जाता है। यह एक दुआ होती है। सलाम का अर्थ सलामती है।सलाम एक दुआ है कि सब सूफ़ी सुख और अमन बाटें।

-1953

मीलाद-ए-अकबर के मुसन्निफ़ और ना’त गो-शाइ’र

अफ़्क़र मोहानी के शागिर्द-ए-अ’ज़ीज़

1934 -1989

औघट शाह वारसी के चहेते मुरीद

रामपूर का एक क़ादिर-उल-कलाम शाइ’र

1901 -1963

बेदम शाह वारसी के मुरीद और मा’रूफ़ वारसी मुसन्निफ़-ओ-शाइ’र

1916

दबिस्तान-ए-साबिरी का एक सूफ़ी शाइ’र

1880 -1936

चौदहवीं सदी हिज्री का एक सूफ़ी शाइ’र

1856 -1921

हिंदुस्तान के मशहूर आ’लिम-ए-दीन और ना’त-गो शाइ’र

1874 -1952

हाजी वारिस अ’ली शाह के मुरीद और अपनी सूफ़ियाना शाइ’री के लिए मशहूर

1887 -1968

हिंद-ओ-पाक का एक बेहतरीन उस्ताद शाइ’र

1893 -1954

‘’ख़ुद का पर्दा है तो ख़ुद ख़ुद को ज़रा देख तो ले' के लिए मशहूर

1876 -1936

मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र और ''बे-ख़ुद किए देते हैं अंदाज़-ए-हिजाबाना' के लिए मशहूर

1916 -1987

बेदम वारसी के साहिब-ज़ादे

1900 -1974

लखनऊ का मा’रूफ़ ना’त-गो शाइ’र

1933 -2011

मा’रूफ़ मुसन्निफ़, अदीब, फ़िल्म-गीतकार और शाइ’र

Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

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