परिणाम "आईना"
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आईना दिखाया तो कहा आईना-रुख़ नेआईने को आईना दिखाया नहीं जाता
हुआ क्या पड़ा आईना बीच मेंये था कौन किस से लड़ाई हुई
'अजब आईना-ए-हुस्न-ए-मुस्तफ़ा हैकि जल्वा अपनी सूरत देखता है
ज़िंदगी है मासियत का आईनाफिर भी उस पर नाज़ कुछ है तो सही
अभी तक तो ग़ुबार-आलूद है आईना-ए-हस्तीजो चाहें आप तो ये आईना आईना बन जाए
आईना
आईनाآئینا
looking glass, mirror
आईनाآئینہ
looking glass, Mirror
दर्पण, शीशा
आईना-ए-हक़ीक़त
हबीबुर्रहमान शास्त्री
1958अन्य
आईना-ए-मारिफ़त
सय्यद एजाज़ हुसैन
1932शोध एवं समीक्षा
आईना-ए-असरार-ए-मारिफ़त
शाह शम्सुद्दीन
2012शाइरी
आईना-ए-जमाल
बिलक़ीस जमाल बरेलवी
1933शाइरी
आईना-ए-अजम
अल्लामा इक़बाल
1927पाठ्य पुस्तक
आईना-ए-वैसी
मोहम्मद मुतीउर्रहमान
1976सूफ़ीवाद / रहस्यवाद
उस आईना-रू के हो मुक़ाबिलमालूम नहीं किधर गए हम
आईना-ए-दीदार-ए-ख़ुदा रू-ए-मोहम्मदऔर मा'नी-ए-वल्लैल हैं गेसू-ए-मोहम्मद
तुम्हारा आईना-ए-दिल है कुछ ग़ुबार-आलूदतुम अपने आईना-ए-दिल को ताबदार करो
मैं आईना हूँ शख़्स और 'अक्स तू हैमैं गुप-चुप हूँ तुझ से तुझे गुफ़्तुगू है
सदक़े तिरे आईना-ए-हस्ती को निखाराक़ुर्बान तिरे गेसू-ए-फ़ितरत को सँवारा
उस के आईना-ए-रुख़्सार को देखा मैं नेऐ मोहब्बत तिरे मे'यार को देखा मैं ने
न होता आईना हरगिज़ मुक़ाबिलतू अपना हुस्न चमकाया तो होता
आईना दिल का उन के मुक़ाबिल नहीं रहाअब ये चराग़ रौनक़-ए-महफ़िल नहीं रहा
ए'जाज़ नुमायाँ है आईना क़ुदरत काआ'लम नज़र आता है कस्रत में भी वहदत का
आईना-ए-जमाल-ए-इलाहीस्त सूरतशज़ाँ रू शुदस्त क़िबला-ए-ईमान-ए-औलिया
मेरी हस्ती है आईना तेरे रुख़ की तजल्ली काज़माने पर अयाँ तेरी हक़ीक़त होती जाती है
मसर्रतें भी हैं ऐ 'बर्क़' ग़म का आईनासुकून को भी तो हम इज़्तिराब कहते हैं
हैरत-ए-इ’श्क़ मिरी हुस्न का आईना हैदेखने वाले कहाँ से हैं कहाँ तक पहुँचे
क्या देखते हो ग़ौर से माज़ी का आईनाधुँदला गया है वक़्त के गर्द-ओ-ग़ुबार में
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