आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "गंदुम"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "गंदुम"
कलाम
गंदुम को खा के 'रिज़वाँ' हैं ऐसे हाल में हमपहले 'उरूज पर थे अब हैं ज़वाल में हम
अज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
गंदुम गेहूँ नखद चना शाली है धान।जरत जोन्हरी अदस मसूर बर्ग है पान।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
गंदुम गेहूँ नखद चना शाली है धान। जरत जोन्हरी अदस मसूर बर्ग है पान।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
समस्त
पुस्तकें के संबंधित परिणाम "गंदुम"
अन्य परिणाम "गंदुम"
ग़ज़ल
मिला क्या हज़रत-ए-आदम को फल जन्नत से आने कान क्यूँ उस ग़म से सीन: चाक हो गंदुम के दाने का
शाह नसीर
शे'र
मिला क्या हज़रत-ए-आदम को फल जन्नत से आने कान क्यूँ उस ग़म से सीन: चाक हो गंदुम के दाने का