आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "चेहरा-ए-नूरानी"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "चेहरा-ए-नूरानी"
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
ना'त-ओ-मनक़बत
तू शाह-ए-ख़ूबाँ तू जान-ए-जानाँ है चेहरा उम्मुल-किताब तेरान बन सकी है न बन सकेगा मिसाल तेरी जवाब तेरा
साइम चिश्ती
ना'त-ओ-मनक़बत
अपने चेहरा पर जो तू ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ छोड़ देसब्र का क्यूँ कर न 'आशिक़ अपने दामाँ छोड़ दे
मुंशी अब्दुल अज़ीज़
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "चेहरा-ए-नूरानी"
राग आधारित पद
नूर सा चेहरा हूर सा मुखड़ा अब ना हम से छुपाओ जी
नूर सा चेहरा हूर सा मुखड़ा अब ना हम से छुपाओ जीमानो कहा मनमोहन प्यारे अब ना हमें तरसाओ जी
ख़लील सफ़िपुरी
ना'त-ओ-मनक़बत
दो जहाँ में नूरानी क़ाफ़िले नहीं होतेफ़र्श पर क़दम उन के गर पड़े नहीं होते
हबीबुल्लाह साग़र वारसी
ना'त-ओ-मनक़बत
अहमद रज़ा ख़ान
ग़ज़ल
शहीद-ए-इ’श्क़-ए-मौला-ए-क़तील-ए-हुब्ब-ए-रहमानेजनाब-ए-ख़्वाजः क़ुतुबुद्दीं इमाम-ए-दीन-ओ-ईमाने
वाहिद बख़्श स्याल
सूफ़ी कहावत
रू-ए ज़ेबा मरहम-ए-दिलहा-ए-ख़स्ता अस्त-ओ-कलीद-ए-दरहा-ए-बस्ता
एक ख़ूबसूरत चेहरा दुखी दिलों के लिए मरहम की तरह होता है, और बंद दरवाजों के लिए कुंजी
वाचिक परंपरा
ना'त-ओ-मनक़बत
गुल-ए-बुस्तान-ए-मा'शूक़ी मह-ए-ताबान-ए-महबूबीनिज़ामुद्दीन सुल्तान-उल-मशाइख़ जान-ए-महबूबी