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सलोक
उपदेश- सामी सभि विसारि, लेख चोखा जीअ मो।
सामी सभि विसारि, लेख चोखा जीअ मो।मिली साध सङ्गति सॉ, पहिंजो पाणु सम्भारि।
सामी
सूफ़ी लेख
महाराष्ट्र के चार प्रसिद्ध संत-संप्रदाय - श्रीयुत बलदेव उपाध्याय, एम. ए. साहित्याचार्य
चोखा मेला 1260 पंढरपुरजगमित्र नागा 1252 परली (बैजनाथ)
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
महाराष्ट्र के चार प्रसिद्ध संत-संप्रदाय- श्रीयुत बलदेव उपाध्याय, एम. ए. साहित्याचार्य
चोखा मेला 1260 पंढरपुरजगमित्र नागा 1252 परली (बैजनाथ)
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
निर्गुण कविता की समाप्ति के कारण, श्री प्रभाकर माचवे - Ank-1, 1956
चोखा म्हणे याचा न धरी भरवसा. जाईल हा देह वावुगाचि उगा
भारतीय साहित्य पत्रिका
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कुंडलिया
पर्द: अंदर का टरै देखि परै तब रूप
परै सबद टकसार बहुत चोखे से चोखाजोग-जीत जब होय भूमिका ज्ञान की पावै
पलटू साहेब
कलाम
जित्थे वेखण चंगा चोखा पढ़न कलाम सवाई हू ।दोहीं जहानीं मिट्ठे जिन्हाँ साधी वेच कमाई हू
सुल्तान बाहू
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
शवाहिद-ए-निज़ामी के अनुसार मजलिस-ए-समाअ की शुरुआत हमेशा पंच आयत या कुरान मजीद के सि-पारा से होनी
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
समाअ और क़व्वाली का सफ़रनामा
शवाहिद-ए-निज़ामी के अनुसार मजलिस-ए-समाअ की शुरुआत हमेशा पंच आयत या कुरान मजीद के सि-पारा से होनी
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
दूल्हा और दुल्हन का आरिफ़ाना तसव्वुर
ये तजस्सुस उस वक़्त और बढ़ जाता है जब मालूम होता है कि अपने आपको दुल्हन
शमीम तारिक़
सूफ़ी लेख
अबुलफजल का वध- श्री चंद्रबली पांडे
औबलिफजलि बड़े ही भोर, चले कूँच कै अपनै जोर।।जो हो, हमें असदबेग से अधिक उलझने की