आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दिवाने"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "दिवाने"
पद
अब कर दिल दिवाने पाक
अब कर दिल दिवाने पाक।।ध्रु0।।झूठी माया झूठी काया, आखर सारी खात ।।
माधव मुनीष्वर
पद
अब मत सोव दिवाने जाग
अब मत सोव दिवाने जाग।।ध्रु0।।इस देहिकु देख लगी है काल लहर की आग ।।
माधव मुनीष्वर
शबद
सखी री तुम चलो दिवाने देश लाल वर पूरा बरियो री
सखी री तुम चलो दिवाने देश लाल वर पूरा बरियो रीसखी री तुम कुटुम्ब परिवार समझ के मोह मत करियो री
धोतरम दास
दकनी सूफ़ी काव्य
पिया बाज प्याला पिया जाये ना
कुतुबशाह न दे मुझे दिवाने कूँ पन्ददिवाने कू कुच पन्द दिया जाये ना
कुली कुतुब शाह
अन्य परिणाम "दिवाने"
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
प्रेम दिवाने जो भए, पलटि गयो सब रूप। सहजो दृष्टि न आवई, कहा रंक कहा भूप।।
भारतीय साहित्य पत्रिका
दकनी सूफ़ी काव्य
वसीयत उल हादी
आओ, तूँ सालिक राह दिवाने चलते न लाये बारमुक़ाम राहे मंज़िल बूझैं उलजाहे किस ठार?
शाह बुरहानुद्दीन जानम
पद
आखर बस्ती जंगल की
ये तनु किसो की किसो की। आखर बस्ती जंगल की।।ध्रु0।।काहे कू दिवाने सोस करे, मेरी माता और पुती।
कमाल
दकनी सूफ़ी काव्य
मसनवी 'तुराब' दकनी
दिवाने को मियाना कर दिखातासियाने को दिवाना कर बताता
शाह मियाँ तुराब दकनी
पद
घट घट साहिया रे अजब अलामिया रे
सुरिजन हार बड़ा करता है कोई एक जाने पारअवल अखैर समझ दिवाने अकलमंद पछाने