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ग़ज़ल
मेरी आँख बंद थी जब तलक वो नज़र में नूर-ए-जमाल थाखुली-आँख तो ना ख़बर रही कि वो ख़्वाब था कि ख़्याल था
बहादुर शाह ज़फ़र
फ़ारसी कलाम
अगर ख़्वानी दरूनम बंद:-ए-ईं-ख़ानदाँ बाशमदिगर रानी बरूनम चूँ सगाँ बर आस्ताँ बाशम
नूरुद्दीन हिलाली
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सूफीनामा शब्दकोश
band
बंदبند
joint, closed, knot, a dyke or dam
closed
अंग का जोड़, कारावास, कैद, फंदा, पाश, मेड़, पुश्ता, पेच, दाँव, रोक, रुकावट, गाँठ, गिरिह, ग्रंथि, बंद किया हुआ, ढाँका हुआ, कविता में ‘मुसद्दस’ या ‘मुखम्मस' की एक कड़ी जिसमें छः अथवा पाँच मित्रे होते हैं, ‘तर्कीबबंद’ या ‘तर्जीअबंद’ का एक भाग जिसमें कई शेर होते हैं, (प्रत्य.) बँधा, जैसे-‘पाबंद' जिसके पाँव बँधे हों, बाँधनेवाला, जैसे-‘नालबंद नाल वाँधनेवाला।
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ना'त-ओ-मनक़बत
बरगुज़ीदा बंद-ए-रहमाँ 'अली का लाडलालख़्त-ए-क़ल्ब-ए-साहिब-ए-क़ुरआँ 'अली का लाडला
सद्दाम हुसैन नाज़ाँ
ना'त-ओ-मनक़बत
बंद ’इस्याँ में पड़ा या शाह-ए-शाहाँ अल-ग़ियासकिस तरह हम हों रिहा या शाह-ए-शाहाँ अल-ग़ियास
अफ़ज़ल हुसैन अस्दक़ी
सूफ़ी उद्धरण
ग़ाफ़िल की आँख उस वक़्त खुलती है, जब बंद होने को होती है
ग़ाफ़िल की आँख उस वक़्त खुलती है, जब बंद होने को होती है।
वासिफ़ अली वासिफ़
कलाम
ग़ुंच-सा लब बंद है शोर-ए-‘अनादिल दिल में हैलब पे है मोहर-ए-सुकूत इक शोर बरपा दिल में है
ख़्वाजा हमीदुद्दीन अहमद
शे'र
मेरी आँख बंद थी जब तलक वो नज़र में नूर-ए-जमाल थाखुली आँख तो ना ख़बर रही कि वो ख़्वाब था कि ख़्याल था
बहादुर शाह ज़फ़र
फ़ारसी सूफ़ी काव्य
दिल दरीं दुनिया म-बंद दुनिया-ए-फ़ानी ब-गुज़रदनौबत-ए-पीरी दर आयद नौजवानी ब-गुज़रद
रूमी
शे'र
नख़्ल-बंद-ए-गुलशन-ए-मज़मूँ हूँ फ़ैज़-ए-फ़िक्र सेहर वरक़ दीवाँ का मेरे बाग़ है कश्मीर का
अर्श गयावी
सूफ़ी कहानी
एक शख़्स का हिरन को गधों के अस्तबल में बंद कर देना - दफ़्तर-ए-पंजुम
एक शिकारी ने हिरन पकड़ा और अस्तबल में बांध दिया। इस अस्तबल में गधे ही गधे
रूमी
सूफ़ी कहावत
रिंद रा बंद-ओ-क़हबा रा पंद सूद न कुनद
ज़ंजीरें बदकरदार इंसान को तब्दील नहीं करतीं, और वेश्या के लिए कोई सलाहकार नहीं होता।
वाचिक परंपरा
सलोक
मोहम्मद चले दसवारी अव्वल पंचा बंद
मोहम्मद चले दसवारी अव्वल पंचा बंदसाँप चोर बाघ भेड़िया चारो रस्ते बंद
बाबा फ़रीद
कलाम
शाह मोहसिन दानापुरी
अरिल्ल
उनमुनि बंद लगाय सुरति ठहराइया
उनमुनि बंद लगाय सुरति ठहराइयाचाँद सूर दोउ बाँधि उर्धमुख धाइया