परिणाम "मलते"
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मलते हैं बदले हिना के ख़ूँ शहीद-ए-नाज़ कासह्ल हाथों में उन्हें मेहंदी लगाना हो गया
गुस्ल के साथ साथ संदल की रस्म भी मनाई जाती है जिसमे मज़ार पर संदल मलते हैं जिसे संदल माली कहते हैं। अवध की दरगाहों में यह रस्म बड़ी प्रचलित है।दर शा न-ए-मख़्दू म अ’ली फ़क़ीह
जो अब भी न तकलीफ़ फ़रमाइएगातो बस हाथ मलते ही रह जाइएगा
सर भला क्या कोई जाने कि है कैसा तेराऔलिया मलते हैं आँखें वो है तलवा तेरा
आँख मलते हुए और ख़्वाब से उठने वालेजान ले ली मिरी ये भी कोई अंगड़ाई है
मलतेملتے
rub, massage, wrench, squeeze
मौत लिखी ही नहीं है... और अब यहां से रफ़ू चक्कर होने में देर न करो, क्योंकि सिपाही इधर ही देखने लगे हैं और तुम्हारी तरह अमर होने का दा’वा मैं अपने लिए नहीं कर सकता।"ज़ोर-ज़ोर से रोते, अपना मुंह नोचते, अपने सिरों पर सड़क की पीली धूल मलते, दोनों भाई वहां से चल दिये।
मर्ग-ए-दुश्मन पर कफ़-ए-अफ़्सोस तुम मलते तो होफिर मलोगे हाथ लो रंग-ए-हिना जाता रहा
इस बंदे को ख़िलअ’त-ए-ख़ास के साथ मुशर्रफ़ फ़रमाया। अज़ीज़ान-ए-अहल-ए-सफ़ा हाज़िर थे। ज़बान-ए-मुबारक से इरशाद किया कि
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