आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मेहनत-ए-पैहम"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "मेहनत-ए-पैहम"
सूफ़ी कहानी
एक शख़्स का बे मेहनत हलाल रोज़ी तलब करना- दफ़्तर-ए-सेउम
एक शख़्स दाऊद अ’लैहिस-सलाम के ज़माने में रोज़ाना ये दुआ’ करता था कि ऐ ख़ुदा मुझे
रूमी
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
कलाम
मैं महव-ए-तौफ़ पैहम था लिए पैमाना का'बे मेंमआ'ज़-अल्लाह वो मेरी लग़्ज़िश-ए-मस्ताना का’बे में
नुशूर वाहिदी
सलाम
हबीबुल्लाह साग़र वारसी
शब्दकोश से सम्बंधित परिणाम
अन्य परिणाम "मेहनत-ए-पैहम"
सूफ़ी उद्धरण
तरक़्क़ी के लिए मेहनत और संघर्ष जरूरी है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि संघर्ष गधे को घोड़ा नहीं बना सकता।
वासिफ़ अली वासिफ़
सूफ़ी उद्धरण
मनुष्य भूल को छिपाने के लिए जितना प्रयास करता है, उतनी मेहनत में त्रुटि दूर की जा सकती है।
मनुष्य भूल को छिपाने के लिए जितना प्रयास करता है, उतनी मेहनत में त्रुटि दूर की जा सकती है।
वासिफ़ अली वासिफ़
ग़ज़ल
बे-नियाज़ी से किसी की शौक़-ए-पैहम दिल में हैकिस कशाकश में पड़ा हूँ जान किस मुश्किल में है
अख़तर नगीनवी
ग़ज़ल
शहीद-ए-इ’श्क़-ए-मौला-ए-क़तील-ए-हुब्ब-ए-रहमानेजनाब-ए-ख़्वाजः क़ुतुबुद्दीं इमाम-ए-दीन-ओ-ईमाने
वाहिद बख़्श स्याल
सूफ़ी कहावत
रू-ए ज़ेबा मरहम-ए-दिलहा-ए-ख़स्ता अस्त-ओ-कलीद-ए-दरहा-ए-बस्ता
एक ख़ूबसूरत चेहरा दुखी दिलों के लिए मरहम की तरह होता है, और बंद दरवाजों के लिए कुंजी
वाचिक परंपरा
ना'त-ओ-मनक़बत
गुल-ए-बुस्तान-ए-मा'शूक़ी मह-ए-ताबान-ए-महबूबीनिज़ामुद्दीन सुल्तान-उल-मशाइख़ जान-ए-महबूबी