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सूफ़ी शब्दावली
राग आधारित पद
राग भैरों- हम बालक तुम माय हमारी।
चरणदास कहै सहजो दासी।हो रक्षक पूरण अविनाशी।।27।।
सहजो बाई
सूफ़ी लेख
कबीर जी का समय डाक्टर रामप्रसाद त्रिपाठी, एम. ए., डी. एस्-सी.
सोरठा- भूजहिं हरि हर देव, जड़ मूरति पूजत बहे। निशि दिन लावत सेव, जो रक्षक भक्षक अहै।।
हिंदुस्तानी पत्रिका
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पद
प्रकीर्ण के पद - नमो नमो रचना रघुवर की
राणाजी की मती सब बिगरी मैं तो गई बुद्ध मुनिवर की'मीराँ के प्रभू तुम हो रक्षक मैं तो शरण गई सियवर की
मीराबाई
सूफ़ी लेख
पदमावत के कुछ विशेष स्थल- श्री वासुदेवशरण
(2) यदि तुम कच्चे होगे तो द्वार पर ही घूमते रहोगे (मेरे शयनगृह में प्रवेश न
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
जाहरपीरः गुरु गुग्गा, डा. सत्येन्द्र - Ank-2,1956
3. पाबूजी, राठौर राजपूतः इनके विषय में कहा जाता है कि ऊंट का पहले पहल इन्होंने ही
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
सन्यासी फ़क़ीर आंदोलन – भारत का पहला स्वाधीनता संग्राम
“हमारी अश्वारोही रक्षक सेना के अधिक दूर जाते होते ही शत्रु नंगी तलवारें हाथ में लिए
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
नवाब-ख़ानख़ाना-चरितम्- ले. श्री विनायक वामन करंबेलकर
नारायणशाह और प्रतापशाह (उसका पुत्र, जो रुद्र कवि का आश्रयदाता था) राठौर वंश के थे। हमारे
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
When Acharya Ramchandra Shukla met Surdas ji (भक्त सूरदास जी से आचार्य शुक्ल की भेंट) - डॉ. विश्वनाथ मिश्र
सूरदास– हाँ यह तो मैं स्वीकार करता हूँ कि श्रीकृष्ण की बाल-लीला और यौवन-क्रीडा का मैंने
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
चन्दायन - डॉ. विश्वनाथ प्रसाद
मनेर शरीफ़ से अभी हाल में अपने मित्र प्रो, हसन असकरी की कृपा से मुझे चन्दायन
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
अरण्यकांड में क्या है? विमल वैराग्य। यों नहीं कि रामजी बैरागी हो गए या बैरागियों में
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
समोगर से भागने के बाद दारा किसी भाँति आगरे पहुँचा और वहाँ से कुछ धन तथा
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह
समोगर से भागने के बाद दारा किसी भाँति आगरे पहुँचा और वहाँ से कुछ धन तथा