आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "वर्ना"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "वर्ना"
सूफ़ी उद्धरण
तिनके को भी हक़ीर न समझो वर्ना वो तुम्हारी आँख में पड़ जाएगा।
तिनके को भी हक़ीर न समझो वर्ना वो तुम्हारी आँख में पड़ जाएगा।
वासिफ़ अली वासिफ़
शे'र
नातिक़ लखनवी
शे'र
अफ़क़र मोहानी
अन्य परिणाम "वर्ना"
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की सूफ़ियाना शाइ’री - डॉक्टर सफ़्दर अ’ली बेग
दर न-याई ब-फ़ह्म-ए-आ’लमियाँ।वर्ना गुंजी बःवह्म-ए-आदमियाँ।।
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
हज़रत मौलाना ज़ियाउद्दीन नख़्शबी
नख़्शबी दर इ’ताब-ए-ख़ुदी बाशवर्ना ख़ुद बातिन-ए-तू ख़ूँ गर्दद
सय्यद सबाहुद्दिन अब्दुल रहमान
सूफ़ी लेख
मैकश अकबराबादी
इस दर्जा दुश्मनी तो मुक़द्दर की बात हैवर्ना वो एक उ’म्र मिरे राज़-दाँ रहे
शशि टंडन
सूफ़ी लेख
उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
ऐ फ़रिश्तो सोच कर मद्दाह से करना सवालवर्ना मैं दूँगा दुहाई अहमद-ए-मुख़्तार की
सुमन मिश्र
ग़ज़ल
मोहब्बत के नशे में ख़ास इंसाँ वास्ते वर्नाफ़रिश्ते ये शराबें पी कि मस्ताने हुए होते
सिराज औरंगाबादी
सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
वर्ना दिल-ए-आगाह मिरा तँग न होताअपना ही कुछ तसर्रुफ़-ए-औहाम है कि हम
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
उसके चेहरा पर ख़ुदा जाने ये कैसा नूर थावर्ना ये दीवानगी कब इ’श्क़ का दस्तूर था
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो और इन्सान-दोस्ती - डॉक्टर ज़हीर अहमद सिद्दीक़ी
आंचे मुक़द्दर शुद अस्त चूँ न-बुवद बेश-ओ-कम।गर ब-रसद ख़ुर्रम वर्ना रसद बाक नीस्त।।
फ़रोग़-ए-उर्दू
ग़ज़ल
अपना हाल छुपा कर अक्सर लोग फ़साने घड़ लेते हैंवर्ना लैला मजनूँ राँझा या कोई फ़रहाद नहीं है