परिणाम "हमन"
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हमन असरार-ए-वहदत का नफ़ी इसबात में देखासरासर नूर-ए-बे-रंगी ज़ुहूरन ज़ात में देखा
न भावै धूप ना छाही हमन को। पवन पानी अधिक जारै हमन को।।करूं क्यो मैं सखी केहि देश जाऊ। सजन के देश मैं पक्षी पठाऊ।।
हमन में हुआ इस .............................बड़े तुम कलाते अपस घर में
निकल तब पीर घर-सी बाहर आएऐ राजनजी हमन तुमसे रूसाए
हमन सू हुआ है गुनाह ऐसा होयहव्वा होर आदम कहे यूँ पुकार
हमनہمن
us, me
हम
हम हाल उसका पूछा, कह बुलबुला हमन सूँ।किस जाइ आ पड़ा है, छोड़ीए चमन हज़ारा।
जउपै हमन पाप करंता अहे अनंतापतित पावन नाम कैसे हुंता
दरीं दरिया कि मन हस्तम न मन हस्तम न दरिया हमन दानद हेच कस ईं सिर्र मगर आँ कू चुनीं बाशददूसरा इस्ति’माल
कुजा तुम, कुजा वो ज़ात-ए-मुक़द्दस। तुम मह्दूद वो ला-मह्दूद। तुम हर बात की क़ुदरत नहीं रखते
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