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शबद
ऐसा देश हमारा है जहाँ कोई मरता नहीं
ऐसा देश हमारा है जहाँ कोई मरता नहींवहाँ रंग तमाशे हैं शौक़ कोई करता नहीं
ईष्वरदास
रूबाई
ईं सिक्कः कि मन ज़दम ब-नाम-ए-फ़क़्र अस्तवीं रौशनी अज़ नूर-ए-तमाम-ए-फ़क़्र अस्त
ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह
शबद
अब चली पिया के देश मगन भई मद माती
अब चली पिया के देश मगन भई मद मातीपिया तुम बिन बहुत ख़्वार भरम में बह जाती
घीसा साहेब
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शबद
सुन सुरता प्यारी पिया देश में जाओ री
सुन सुरता प्यारी पिया देश में जाओ रीज्ञान की सीढी टग-टग चढ जा गगन मडल घर छाओ री
धोतरम दास
पद
स्वानुभूति महत्व - बिनु देश उपजै नहीं आसा जो दीसै सो होइ बिनासा
बिनु देश उपजै नहीं आसा जो दीसै सो होइ बिनासाबरन सहित जो जापै नामु सो जोगी केवल निहकामु
रैदास
बैत
हमारे ख़ून का धब्बा क्यूँ रहे क़ातिल के दामन पर
हमारे ख़ून का धब्बा क्यूँ रहे क़ातिल के दामन परमिस्ल मशहूर है ये ख़ून जिस का उन के गर्दन पर
मख़्दूम सज्जाद पाक
शे'र
हमारे दिल को बहर-ए-ग़म की क्या ताक़त जो ले बैठेवो कश्ती डूब कब सकती है जिस के नाख़ुदा तुम हो
मुज़्तर ख़ैराबादी
दोहा
अरब देश क्या पूछिए, जैसे एक चिराग़
अरब देश क्या पूछिए, जैसे एक चिराग़नीचे-नीचे तेल है, ऊपर-ऊपर आग
डॉ. अफ़रोज़ ताज
ग़ज़ल
क़ाफ़िला अरमान-ओ-हसरत का हमारे दिल में हैजब से इस मंज़िल में आया है इसी मंज़िल में है
बर्याँ इलाहाबादी
ग़ज़ल
उस की बहार-ए-हुस्न का दिल में हमारे जोश हैफ़स्ल-ए-बहार जिस के हाँ एक ये गुल-फ़रोश है