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मुसलमान शासकों का संस्कृत प्रेम- श्री हरिप्रताप सिंह
औरंगजेब यद्यपि कट्टर मुसलमान था, तो भी उसके शासन काल में संस्कृत ग्रंथों के रचना का
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
सूर के भ्रमर-गीत की दार्शनिक पृष्ठभूमि, डॉक्टर आदर्श सक्सेना
भ्रमर के माध्यम से यह विशेष लाभ था कि उद्धव जैसे सम्मान्य अतिथि का प्रत्यक्ष निरादर
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह - श्री अविनाश कुमार श्रीवास्तव
कुछ इतिहासकारों तथा विद्यार्थियों की धारणा है कि दारा इतिहास में असफल और एक सर्वथा निरर्थक
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अभागा दारा शुकोह
कुछ इतिहासकारों तथा विद्यार्थियों की धारणा है कि दारा इतिहास में असफल और एक सर्वथा निरर्थक
अविनाश कुमार श्रीवास्तव
सूफ़ी लेख
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी और योग पर उनकी किताब बह्र उल हयात
हुमायूँ की हज़रत में विशेष श्रद्धा होने की वजह से अकबर भी आपका बड़ा सम्मान करता
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
संत कबीर की सगुण भक्ति का स्वरूप- गोवर्धननाथ शुक्ल
भगवान की उपासना को लौकिक कामना से पंकिल कर उसे यांत्रिक बना कर चलाने वाले भक्तों
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत साहित्य - श्री परशुराम चतुर्वेदी
धार्मिक दृष्टि से कबीर के सिद्धांत कई भिन्न भिन्न बल्कि परस्पर विरोधी सिद्धांतों के पंचमेल से
हिंदुस्तानी पत्रिका
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संत साहित्य
धार्मिक दृष्टि से कबीर के सिद्धांत कई भिन्न भिन्न बल्कि परस्पर विरोधी सिद्धांतों के पंचमेल से
परशुराम चतुर्वेदी
सूफ़ी लेख
जायसी का जीवन-वृत्त- श्री चंद्रबली पांडेय एम. ए., काशी
विवाहजायसी के जीवन का अब तक जो कुछ परिचय हमें प्राप्त था उसके आधार पर हम
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीर जीवन-खण्ड- लेखक पं. शिवमंगल पाण्डेय, बी. ए., विशारद
कबीर मूर्ति-पूजा के कट्टर विरोधी थे। वे कहते हैं कि ईश्वर परोक्ष और अद्रष्टव्य है, और
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हाफ़िज़ की कविता- शाल़ग्राम श्रीवास्तव
हिन्दी जाननेवालों को फ़ारसी-किवता के रसास्वादन के लिए पहले दो-एक मोटी मोटी बातों की हृदयस्थ कर
सरस्वती पत्रिका
सूफ़ी लेख
हाफ़िज़ की कविता - शालिग्राम श्रीवास्तव
हिन्दी जाननेवालों को फ़ारसी-किवता के रसास्वादन के लिए पहले दो-एक मोटी मोटी बातों की हृदयस्थ कर
सरस्वती पत्रिका
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पदमावत की लिपि तथा रचना-काल- श्रीचंद्रबली पांडेय, एम. ए., काशी
ग्रियर्सन साहब के इस शुद्ध भ्रम का निवारण करने के पहले ही इसके कारण पर विचार