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सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई की प्रतापचंद्रिका टीका - पुरोहित श्री हरिनारायण शर्म्मा, बी. ए.
दोहा तू मति मानै मुकतई, दिए कपट बित कोटि।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
सूफ़ी काव्य में भाव ध्वनि- डॉ. रामकुमारी मिश्र
14. पातिव्रत्य, अनुरक्ति, निष्कलुषता, निष्ठा, न्याय 1515. कपट 1
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
संत कबीर की सगुण भक्ति का स्वरूप- गोवर्धननाथ शुक्ल
1. मन के मोहन बीठुला, यहु मन लागौ तोहि रे। 2. इहि पर नरहरि भेटिये, तूं छाड़ि कपट अभिमान रे।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
शाह तुराब अली क़लंदर और उनका काव्य
परगट भेस गोपाल गोविन्दू – कपट गियान न तुरुक न हिन्दूसाहित्य में परंपरा जो सूफ़ी को
सुमन मिश्र
सूफ़ी लेख
प्रेम और मध्ययुगीन कृष्ण भक्ति काव्य- दामिनी उत्तम, एम. ए.
मध्ययुगीन कृष्णभक्त कवियों ने ईश्वरोन्मुख प्रेम को ही स्वार्थ से रहित माना है। इस ईश्वरीय प्रेम
सम्मेलन पत्रिका
सूफ़ी लेख
कन्नड़ का भक्ति साहित्य- श्री रङ्गनाथ दिवाकर
हम दिन-रात यह प्रयत्न करते हैं कि बाह्य शक्तियों का संस्कार करके उन्हें अपने वश में
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीरपंथी और दरियापंथी साहित्य में माया की परिकल्पना - सुरेशचंद्र मिश्र
मोह- कबीरपंथी साहित्य में मोह को अत्यंत दुख-प्रद तत्व स्वीकार किया गया है। भवसागर में डूबने का
हिंदुस्तानी पत्रिका
सूफ़ी लेख
अल-ग़ज़ाली की ‘कीमिया ए सआदत’ की दूसरी क़िस्त
जीव के चार प्रकार के स्वभावयाद रखो, इस शरीर में जितने स्वभाव पाये जाते हैं उन
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
आचार्य चन्द्रबली पांडे एवं उनका तसव्वुफ अथवा सूफ़ीमत डॉ. इन्द्र पाल सिंह
यह कहा जा चुका है कि अवकाश पाकर, पांडे जी, अपने श्रद्धेय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की