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सूफ़ी लेख
उ’र्फ़ी हिन्दी ज़बान में - मक़्बूल हुसैन अहमदपुरी
उ’र्फ़ी के ख़यालात दुनिया के लिटरेचर में जगह पाने के मुस्तहिक़ हैं। क्योंकि उफ़्ताद-ए-तब्अ’ ने उसके
ज़माना
सूफ़ी लेख
शम्स तबरेज़ी - ज़ियाउद्दीन अहमद ख़ां बर्नी
शम्स तबरेज़ी की वफ़ात के बा’द मौलाना की हालत बिल्कुल बदल गई। वो उनकी जुदाई में
ख़्वाजा हसन निज़ामी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-खैर : हज़रत शाह अय्यूब अब्दाली
फ़ैज़े गिरफ़्त अज़ दर ओ बाम ओ अबुल उलाउनके कलाम में दिली एहसासात ओ जज़्बात और
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की सूफ़ियाना शाइ’री - डॉक्टर सफ़्दर अ’ली बेग
हुस्न मोहब्बत का जन्म-दाता और मोहब्बत, ज़िंदगी का हुस्न है चाहे वो हसीन ख़यालात हों या
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह अहमद हुसैन चिश्ती शैख़पूरवी
एक सूफ़ी के लिए शाइरी वक़्त को गुज़ारने का एक ज़रीया’ है जो उसके ख़यालात और
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
मयकश अकबराबादी जीवन और शाइरी
इसी लेख में हज़रत मयकश अकबराबादी आगे लिखते हैं –“वेद का रास्ता फ़राईज़ और अ’मल का
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
चिश्तिया सिलसिला की ता’लीम और उसकी तर्वीज-ओ-इशाअ’त में हज़रत गेसू दराज़ का हिस्सा
ख़लीक़ अहमद निज़ामी
सूफ़ी लेख
शैख़ सलीम चिश्ती
इसी सिलसिला-ए-चिश्त में हज़रत शैख़ सलीम चिश्ती हैं जिनको मुग़ल और पठान दोनों क़ौमों के बादशाहों
ख़्वाजा हसन निज़ामी
सूफ़ी लेख
वेदान्त - मैकश अकबराबादी
वेद का रास्ता फ़राईज़ और अ’मल का रास्ता है जिसे कर्म मार्ग कहते हैं लेकिन उपनिषद
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
सतगुरू नानक साहिब
क्यों गुरु बाबा इस में आप क्या फ़रमाते हैं? फ़रमाया हम निरंकारी हैं (या’नी बे-शक्ल ख़ुदा
सूफ़ीनामा आर्काइव
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अमीर ख़ुसरो और इन्सान-दोस्ती - डॉक्टर ज़हीर अहमद सिद्दीक़ी
तम्हीद ज़रा तवील हो गई मगर इसके ब-ग़ैर ख़ुसरो के मिज़ाज की वज़ाहत मुम्किन न थी
फ़रोग़-ए-उर्दू
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सूफ़िया-ए-किराम और ख़िदमात-ए-उर्दू - सय्यद मुहीउद्दीन नदवी
आज दुनिया बजा तौर पर उन मुबारक हस्तीयों पा नाज़ कर सकती है जिन्हों ने इ’मादुद्दीन