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सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
गंदुम गेहूँ नखद चना शाली है धान।जरत जोन्हरी अदस मसूर बर्ग है पान।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
गंदुम गेहूँ नखद चना शाली है धान। जरत जोन्हरी अदस मसूर बर्ग है पान।।