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सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई की प्रतापचंद्रिका टीका - पुरोहित श्री हरिनारायण शर्म्मा, बी. ए.
मोरचंद्रिका स्याम सिर, चढि कत करत गुमान। लखवी पाइल पर लुठत, सुनियत राधा मान।।46।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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उर्स के दौरान होने वाले तरही मुशायरे की एक झलक
ओ बद-गुमान तू ही बता दे ज़रा मुझेदुनिया जहान कहती है सब आपका मुझे
सुमन मिश्रा
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बिहार के प्रसिद्ध सूफ़ी : मख़दूम मुनएम पाक
मख़दूम मुन्इ’म-ए-पाक चमत्कार को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे लेकिन कभी-कभार मुरीदों की सुधार और उनकी
रय्यान अबुलउलाई
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शैख़ सा’दी का तख़ल्लुस किस सा’द के नाम पर है ?
उनको बा’ज़ असातिज़ा ने शैख़ का हम-पल्ला क़रार दिया है मगर आख़िर-कार शैख़ को तर्जीह देना
एजाज़ हुसैन ख़ान
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हज़रत शाह नियाज़ बरेलवी की शाइरी में इरफान-ए-हक़
(उर्दू अदब की तारीख़ स० 43-44 नाशिरः तख़्लीक़-कार पब्लिशर, दिल्ली)दिल्ली के दौर-ए-सानी के शोरा में मीर
अहमद फ़ाख़िर
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हज़रत शैख़ अबुल हसन अ’ली हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैहि
चौथे बाब में सूफ़ियों के लिबास पर तीन फ़स्लों में बह्स की है। सूफ़ी सुन्नत-ए-रसूल की
सूफ़ीनामा आर्काइव
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तल्क़ीन-ए-मुरीदीन-हज़रत शैख़ शहाबुद्दीन सुहरवर्दी
जब मुरीद-ए-सादिक़ शैख़ की ख़िदमत में रहे तो उसका अदब ये है कि वो अपने इरादे
सूफ़ीनामा आर्काइव
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कबीरपंथी और दरियापंथी साहित्य में माया की परिकल्पना - सुरेशचंद्र मिश्र
माया के दो प्रधान-शास्त्र कामिनी एवं कनक है। नारी-प्रसंग एक ऐसा इन्द्रजाल है जो देवताओं तथा