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सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
ज़मीन पर क्यों न बैठे?उत्तर- चौकी न थी।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
-चौकी (10) घूम घुमेला लहँगा पहिने एक पाँव से रहे खड़ी।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
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मीरा से संबंधित विभिन्न मंदिर- पद्मावती शबनम
यह भी संभव है कि मीरा बाई द्वारा की गई वृंदावनयात्रा एवं उस अवसर पर रूप
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
कबीर जीवन-खण्ड- लेखक पं. शिवमंगल पाण्डेय, बी. ए., विशारद
ईसाइयों और मुसलमानों की तरह कबीर मनुष्य और ईश्वर के बीच किसी मध्यस्थ की सत्ता पर
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
हिंदुस्तान की तहज़ीब और सक़ाफ़त में अमीर ख़ुसरो की खिदमात
वे गाते थे, नाचते थे, हंसते थे, गाना सुनते और दाद देते थे. शाहों और शहजादों
क़ुर्बान अली
सूफ़ी लेख
बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
थाली फेंको तो सरों पर जाये। मग़रिब के बा’द ही झरना से नफ़ीरी की आवाज़ आई।