परिणाम "तवाज़ुन"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
आपकी दरगाह पर हमा-वक़्त हाजत-मंदों, मुराद-मंदों का एक जम्म-ए-ग़फ़ीर रहता है लेकिन सालाना ’उर्स से क़ब्ल माह-ए-रजब से हिंदुस्तान के गोशे-गोशे से ज़ाइरीन-ओ-हाजत-मंदों की आमद शुरु’ हो जाती है उनमें जिन्न-ओ-बलिय्यात में मुब्तला और दिमाग़ी तवाज़ुन खोए मरीज़ों की कसरत रहती है।सालाना ’उर्स-ए-मुबारक हज़रत मख़्दूम शाह दरवेश अपने रिवायती-अंदाज़ में निहायत ही तुज़्क-ओ-एहतिशाम और ’अक़ीदत-ओ-एहतिराम के साथ मुंअ’क़िद होता है जिसमें गोशे-गोशे से लाखों ज़ाइरीन आस्ताना-ए-’आलिया अशरफ़िया पर तशरीफ़ लाकर फ़ैज़ान-ए-दरवेशी से बहरा-वर होते हैं।
क़व्वाली, हल्के गाने और फ़न्न-ए-मौसीक़ी में क्या फ़र्क़ है?क़व्वाली का मक़्सद दिलचस्प अंदाज़ में अख़्लाक़ संवारने
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books