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सूफ़ी लेख
शैख़ फ़रीदुद्दीन अत्तार और शैख़ सनआँ की कहानी
ख़िर्क़: रा आतिशज़द-ओ-दरकार शुद ।।शेख़ ने दीक्षा ले ली और अपनी गुदड़ी को आग में जला दिया।
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
भ्रमर-गीतः गाँव बनाम नगर, डॉक्टर युगेश्वर
यह आशीर्वाद कितना उदात्त है। प्रेम में स्वार्थ नहीं परमार्थ हैं। गाँव का आधार स्वार्थ नहीं,
सूरदास : विविध संदर्भों में
सूफ़ी लेख
अज़ीज़ सफ़ीपुरी और उनकी उर्दू शा’इरी
मुहव्वला ग़ज़लों के अश्’आर की मा’नवी तहों में उतरने के बा’द इस नुक्ते की वज़ाहत होती