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सूफ़ी लेख
उमर खैयाम की रुबाइयाँ (समीक्षा)- श्री रघुवंशलाल गुप्त आइ. सी. एस.
नभ के प्याले में दिनकर की माणिक-सुधा ढालते देख कलियाँ अधरपुटों को खोले ललक रही हैं उसकी ओर।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
बाबा फ़रीद के श्लोक- महमूद नियाज़ी
शैख़ इब्राहीम का लक़ब ‘फ़रीद’ सानी था न कि नाम। इसलिए उनका कलाम जहाँ भी नक़ल