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शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
वक़्त-ए-शादी-ओ-तरब कर्दन रिंदां पैदास्तगर्चे मा-बंदगान-ए-पादशहेम
मयकश अकबराबादी
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हज़रत शाह फ़रीदुद्दीन अहमद चिश्ती
अपने मुर्शिद के हुक्म से आपने काको में ही हिदायत और रूहानियत का केंद्र स्थापित किया
रय्यान अबुलउलाई
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सय्यद शाह शैख़ अ’ली साँगड़े सुल्तान-ओ-मुश्किल-आसाँ - मोहम्मद अहमद मुहीउद्दीन सई’द सरवरी
सूफ़ीनामा आर्काइव
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हज़रत गेसू दराज़ हयात और ता’लीमात
हज़रत गेसू दराज़ का मिज़ाज गर्म था। गर्मी के मौसम में शिकंजी (नींबू का शर्बत)पिया करते
निसार अहमद फ़ारूक़ी
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क़ुतुबल अक़ताब दीवान मुहम्मद रशीद उ’स्मानी जौनपूरी
दीवान साहिब की इस तहरीर से साहिब-ए-समातुल-अख़यार के इस क़ौल की पूरी तरदीद हो जाती है
हबीबुर्रहमान आज़मी
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ज़िक्र-ए-ख़ैर : ख़्वाजा अमजद हुसैन नक़्शबंदी
हिन्दुस्तान में ख़ानक़ाहें और बारगाहें कसरत से वजूद में आईं जहाँ शब ओ रोज़ बंदगान ए
रय्यान अबुलउलाई
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ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत हसन जान अबुल उलाई
सूफ़िया ने ऐसा कारनामा अंजाम दिया है कि आज भी उनकी ख़ानक़ाहें और आस्ताने बंदगान ए