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सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत मख़दूम अहमद चर्म-पोश
दाग़-ए-शकोह-ए-ख़ुस्रवी तेग़-ए-बरहना-ए-फ़क़ीररश्क-ए-हरीर-ओ-पर्नियाँ मलबूस चर्म पोश का
रय्यान अबुलउलाई
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अमीर ख़ुसरो और इन्सान-दोस्ती - डॉक्टर ज़हीर अहमद सिद्दीक़ी
पैग़ंबर-ए-इस्लाम का इर्शाद-ए-गिरामी है कि क़ियामत के दिन अल्लाह अपने बंदों से पूछेगा कि मैं भूका
फ़रोग़-ए-उर्दू
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हज़रत अमीर ख़ुसरौ
ज़लज़ला दर गोर-ए-निज़ामी फ़िगन्दउसी वक़्त एक बरहना तलवार आप के सर पर आई, आप ने हज़रत
डाॅ. ज़ुहूरुल हसन शारिब
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हज़रत ख़्वाजा क़ुतुबुद्दीन मुनव्वर निज़ामी
फ़रमान को देखकर हज़रत क़ुतुब मुनव्वर ने कहा कि जिस वक़्त सुल्तान नासिरुद्दीन मुल्तान की तरफ़
मुनादी
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ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शहाबुद्दीन पीर-ए-जगजोत
बी-बी हबीबा : दूसरी साहिब-ज़ादी सय्यदा बी-बी हबीबा मंसूब ब-सुल्तान सय्यद मूसा हमदानी हैं। इनसे तीन
रय्यान अबुलउलाई
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शैख़ हुसामुद्दीन मानिकपूरी
जब पंडोह पहुँचे तो नमाज़-ए-जुमआ’ के बा’द बैअ’त से मुशर्रफ़ हुए उस के बा’द ग़ैब से
उमैर हुसामी
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हज़रत ख़्वाजा गेसू दराज़ चिश्ती अक़दार-ए-हयात के तर्जुमान-डॉक्टर सय्यद नक़ी हुसैन जा’फ़री
सूफ़िया के हाँ बिल-उ’मूम और चिश्ती मशाइख़ के यहाँ बिल-खुसूस ख़र्च करना और कुछ बाक़ी न