आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "भटका"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "भटका"
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शैख़ शर्फ़ुद्दीन अहमद यहया मनेरी
शुरफ़ा भटका मत फिरे चित् मत करे उदाससाइं बसे सर पर मेरे ज्यूं फूलन में बास
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
कबीर के कुछ अप्रकाशित पद ओमप्रकाश सक्सेना
लेहे लगाम ज्ञान कर घोड़ा, सूरत निरत चीत मटका। सेजे चडु सत्य गुरु जी के बचने, तो मीट गया मन का भटका।।