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सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की सूफ़ियाना शाइ’री - डॉक्टर सफ़्दर अ’ली बेग
काएनात का हुस्न हर फ़र्द-ए-बशर को मस्हूर कर लेता है और उसका दिल मोह लेता है
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
शैख़ सलीम चिश्ती
लेकिन जब पाकपत्तन शरीफ़ हाज़िर हुआ तो दीवान साहिब ने फ़रमाया कि तुम्हारा मतलब बिरादरम शैख़
ख़्वाजा हसन निज़ामी
सूफ़ी लेख
गीता और तसव्वुफ़ - मुंशी मंज़ूरुल-हक़ कलीम
जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम्।।ऊपर के अश्लोक में ये बताया गया था कि जिस कसीफ़ से
ज़माना
सूफ़ी लेख
हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
ज़िक्र से मुराद ख़ुदा-वंद तआ’ला की याद है। इसकी चार क़िस्में हैं: 1 ज़बान पर हो