परिणाम "माहताब"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
हिन्दुस्तानी कपड़े में देवगीरी नामी गपड़े की ता’रीफ़ में कहते हैं कि उसकी ख़ूबी ये है कि ये आफ़्ताब, माहताब या साया मा’लूम होता है।निको दानंद ख़ूबान-ए-परी-केश।
जब सालिक इस ज़िक्र का इरादा करे तो पहले चार ज़ानू बैठे। दोनों हाथों को दोनों ज़ानू पर रखे। सर, कमर और पुश्त को बराबर रखे हुए नाफ़ को अपनी हालत पर छोड़ दे। इंगला और बंगला दोनों को हरकत में रखे जैसे कोई कपड़ा बुनने वाला हरकत में रहता है। इंगला आफ़ताब और बंगला माहताब को कहा जाता है। जब यह दोनों दायरा में होते हैं तो सैर-ए-ला-यतनाही हासिल होती है। इस का फ़ायदा मुशाहिदा ही से हासिल होगा।ज़िक्र-ए-गोरखी:-
हज़रत हाजी सय्याह सरवर मख़दूम क़ुद्दि-स सिर्रहु और हज़रत मुश्किल आसान रहमतुल्लाह अ’लैह के जद्द-ए-बुज़ुर्ग-वार सय्यद
मशहूर है कि फ़ातिह-ए-सिंध मोहम्मद बिन क़ासिम के साथियों में हज़रत ख़्वाजा अ’ज़ीज़ मक्की रज़ी-अल्लाहु तआ’ला
अज़ - मौलाना सय्यद अबू ज़फ़र नदवी (मुदर्रिस :अरबी-ओ-फ़ारसी महाविद्यालय, अहमदाबाद)गुजरात में सैकड़ों उ’लमा और अत्क़िया
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books