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सूफ़ी लेख
बिहार के प्रसिद्ध सूफ़ी शाइर – शाह अकबर दानापुरी
इस दौरान अपने पीर-ओ-मुर्शिद से बहुत दूर हो गए। जब ज़िंदगी ढलने लगी तो आवाज़ भी
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
बिहार में क़व्वालों का इतिहास
(यादगार-ए-रोज़गार, स० 862)इस दौरान वो अपने पीर-ओ-मुर्शिद से दूर हो गए। जब उनकी ज़िंदगी ढलने लगी,
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
क़ुतुबल अक़ताब दीवान मुहम्मद रशीद उ’स्मानी जौनपूरी
दीवान साहब तलबा या मुरीदीन से ख़िदमत लेना पसंद न करते थे। इरादत-मंदों की ख़्वाहिश के
हबीबुर्रहमान आज़मी
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत शाह अहमद हुसैन चिश्ती शैख़पूरवी
आप अपने वालिद हज़रत शाह शुजाअत हुसैन (मुतवफ़्फ़ा 1308 हिज्री)के हुक्म पर हज़रत शाह अता हुसैन
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
हज़रत शरफ़ुद्दीन अहमद मनेरी रहमतुल्लाह अ’लैह
“हर मज्लिम में मुरीदों, नेक और सच्ची तलब रखने वालों का मज्मा’ होता।उनमें से हर एक