आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "लाज़िम"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "लाज़िम"
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ अबुल हसन अ’ली हुज्वेरी रहमतुल्लाह अ’लैहि
पहला इ’ल्म गोया ख़ुदा का इ’ल्म है, और दूसरा ख़ुदा की तरफ़ से बंदा को अ’ता
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया सुहरावर्दी रहमतुल्लाह अ’लैह
-दूसरे मौक़ा’ पर अपने मुरीद को नसीहत फ़रमाते हैं, कि तुम अल्लाह तआ’ला के ज़िक्र को
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी और योग पर उनकी किताब बह्र उल हयात
जब कोई शख़्स पूरी दुनिया को एक नुक़्ता की शक्ल में देखने और तमाम आ’लम को
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ सदरुद्दीन आ’रिफ़ रहमतुल्लाह अ’लैह
मगर इस फ़य्याज़ी और जूद-ओ-सख़ा के बावजूद उनके यहाँ दौलत की फ़रावानी रहती थी।एक बार शैख़
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
वेदान्त - मैकश अकबराबादी
हक़ीक़ी नजात फ़ना-ए-कामिल के बग़ैर मुमकिन नहीं है क्यूँकि अगर वक़्ती तौर पर कोई दुख दूर
मयकश अकबराबादी
सूफ़ी लेख
सुल्तानुल-मशाइख़ और उनकी ता’लीमात - आयतुल्लाह जा’फ़री फुलवारवी
बैअ’त-ए-तरीक़त का उसूल बयान करते हुए एक मर्तबा फ़रमाया कि बा’ज़ लोग बैअ’त का तरीक़ा नहीं
मुनादी
सूफ़ी लेख
उ’र्स-ए-बिहार शरीफ़
बिहार के उ’र्स में आज़ाद-ओ-बे-नवा फ़ुक़रा का बड़ा गिरोह जम्अ’ होता है जिसमें गुज़रमार हमाली, सदा
निज़ाम उल मशायख़
सूफ़ी लेख
सुलूक-ए-नक़्शबंदिया - नासिर नज़ीर फ़िराक़ चिश्ती देहलवी
वुक़ूफ़-ए-क़ल्बीदिल की हिफ़ाज़त और निगरानी को कहते हैं जो ब-ग़ैर ज़िक्र के की जाए। सालिक हर-दम