परिणाम "مژدہ"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
फ़िराक़-ए-यार ने मुज़्दा बना दिया ऐसामकान भी नज़र आया मज़ार की सूरत
सबद-ए-गुल के तले बंद करे है गुलचींमुज़्दा ऐ मुर्ग़ कि गुलज़ार में सय्याद नहीं
आए बहार बाग़ में गुल ख़ंदा-ज़न हुएमुझ़दा हो मय-कशो दर-ए-मय-ख़ाना वा हुआ
हम कब के चल बसे थे बरा-ए-मुज़्दा-ए-विसालकुछ आज होते-होते सर-अंजाम रह गया
ऐ ख़ुशा-क़िस्मत ये मुज़्दा है किसी की दीद काझुक रही है ख़ुद जबीन-ए-शौक़ बे-ताबाना आज
दर्द को भी दर्द का एहसास हासिल हो गयामुज़्दा ऐ क़ातिल कि फिर पैदा नया दिल हो गया
मुज़्दा है तुम्हें ऐ बादा-कशो भर-भर के पियो और ख़ूब पियोजिब्रईल-ए-अमीं के हाथों से कौसर से मँगाई जाती है
दफ़्तर असियाँ खुलने लगा है जन-जन में कोहराम मचा है हश्र बपा है हश्र बपा हैमुज़्दा दीद वहदत पा कर सारा मंज़र झूम रहा है और क़लंदर झूम रहा है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books