परिणाम "अज़ाब"
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रूठ जाएँ अगर वो हम से 'फ़ना'मरना जीना 'अज़ाब हो जाए
आए कुछ अब्र कुछ शराब आएइस के बा'द आए जो अज़ाब आए
करना पड़ा है मुझ को क़यामत का इंतिज़ारवा'दा की शब 'अज़ाब है रोज़-ए-नुशूर का
मिलती है ख़ू-ए-यार से नार इल्तिहाब मेंकाफ़िर हूँ गर न मिलती हो राहत अज़ाब में
जिस से किया था प्यार उसी ने दिए हैं ग़मसच पोछिए तो दिल का लगाना 'अज़ाब है
और तुझ को देखे कोई ख़ुद से गर जुदा हो करअबद तक उस को फिर अंदेशा-ए-'अज़ाब नहीं
’अज़ाब-ए-गोर की निस्बत से फिर भी ऐ'श-ओ-’इशरत हैअगरचे दहर में मोहताज है तू इक लब-ए-नाँ का
न ग़म सवाब-ओ-'अज़ाब से कभी छेड़ फ़ितरत-ए-'इश्क़ कोजो अज़ल से मस्त-निगाह है उसे नेक-ओ-बद की ख़बर भी है
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