परिणाम "धरी"
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वो अ'जब घड़ी थी मैं जिस घड़ी लिया दर्स नुस्ख़ा-ए-’इश्क़ काकि किताब-ए-अक़्ल की ताक़ पर जूँ धरी थी त्यूँ ही धरी रही
मौत को पहले अपनी तसव्वुर करे माल-ओ-ज़र पर न कोई तकब्बुर करेसारी दौलत धरी की धरी रह गई जो यहाँ से गया बे-सहारा गया
पारसाई धरी रह गई शैख़ कीचश्म-ए-जादू-असर तू ने क्या कर दिया
पारसाई धरी रह गई शैख़ कीचश्म-ए-जादू असर तू ने क्या कर दिया
न छेड़ ऐ दिल उन्हें गालियाँ हैं मुँह पे धरीबरस पड़ेंगे वो अब्र-ए-बहार की सूरत
है अर्ज़ पे कुल तश्बीह धरी बाला-ए-समाँ तंज़िया भरीहैं दोनों जम' मुझ में यकजा सनमा सनमा सनमा सनमा
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