Font by Mehr Nastaliq Web
Sufinama

है दर्द मुझे ये सुब्ह-ओ-मसा सनमा सनमा सनमा सनमा

शाह सिद्दीक़ सौदागर

है दर्द मुझे ये सुब्ह-ओ-मसा सनमा सनमा सनमा सनमा

शाह सिद्दीक़ सौदागर

MORE BYशाह सिद्दीक़ सौदागर

    है दर्द मुझे ये सुब्ह-ओ-मसा सनमा सनमा सनमा सनमा

    वो रू-ए-मुनव्वर अपना दिखा सनमा सनमा सनमा सनमा

    वहदत में निहाँ कसरत में 'अयाँ सोचो तो मयाँ वो होगा कहाँ

    हर ग़ैब से है वो जल्वा नुमा सनमा सनमा सनमा सनमा

    तिरी देख झपक में मर ही गया तिरी आतिश-ए-'इश्क़ में जल ही गया

    तू मुझ में बक़ा मैं तुझ में फ़ना सनमा सनमा सनमा सनमा

    है अर्ज़ पे कुल तश्बीह धरी बाला-ए-समाँ तंज़िया भरी

    हैं दोनों जम' मुझ में यकजा सनमा सनमा सनमा सनमा

    है राज़ जहाँ सब मुझ पे 'अयाँ क्या जिन्न-ओ-परी क्या हूर-ओ-जिनाँ

    जब से कि ये दिल आईना बना सनमा सनमा सनमा सनमा

    इक दम में यहाँ से हूँ मैं वहाँ इक आन वहाँ का हूँ मैं यहाँ

    मैं तुझ में ख़ला तू मुझ में मिला सनमा सनमा सनमा सनमा

    हर ग़ैर हुआ है तेरा 'ऐन वो 'ऐन तिरा है नूर-उल-ऐन

    इस 'ऐन में 'ऐन का है नुक़्ता सनमा सनमा सनमा सनमा

    सुनते हैं कि है इक 'सौदा-गर' था ख़ाक रह-ए-कू-ए-दिलबर

    कफ़-ए-पा से तिरे इक्सीर बना सनमा सनमा सनमा सनमा

    स्रोत :
    • पुस्तक : दीवान-ए-सौदागर (पृष्ठ 61)

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi

    Get Tickets
    बोलिए