परिणाम "शर्मसार"
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दिल जो अपना तुझे बना न सकाइस लिए शर्मसार है प्यारे
तुझ को देखे जो इक नज़र फ़ौरनचाँद भी शर्मसार हो जाए
रुत्बा तो देखिए निगह-ए-शर्मसार कारुख़ है इधर ही रहमत-ए-परवरदिगार का
किसी को आँख मिलाने का हौसला न हुआतुम्हारी बज़्म से जो आया शर्मसार आया
करेगी दावर-ए-महशर को शर्मसार इक रोज़किताब-ए-सूफ़ी-ओ-मुल्ला की सादा-औराक़ी
जफ़ा पसंद नहीं नागवार भी तो नहींसितम तो ये है कि तू शर्मसार भी तो नहीं
दम-ए-नज़अ' भी जो वो बुत मुझे आ के मुँह दिखातातो ख़ुदा के मुँह से इतना न मैं शर्मसार होता
आप बैठे हैं बालीं पे मेरी मौत का ज़ोर चलता नहीं हैमौत मुझ को गवारा है लेकिन क्या करूँ दम निकलता नहीं है
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