आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "manzil-o-samt-e-safar"
Kalaam के संबंधित परिणाम "manzil-o-samt-e-safar"
कलाम
ताबिश कानपुरी
कलाम
बुतान-ए-माह-वश उजड़ी हुई मंज़िल में रहते हैंकि जिस की जान जाती है उसी के दिल में रहते हैं
दाग़ देहलवी
कलाम
ये जहाँ भी तू है इस की आख़िरी मंज़िल भी तूबानी-ए-महफ़िल भी तू है ख़ातिम-ए-महफ़िल भी तू
मयकश अकबराबादी
कलाम
जो धड़कन की सदा को नग़्मा-ए-मंज़िल नहीं समझामोहब्बत करने वाले तो मक़ाम-ए-दिल नहीं समझा
फ़ना बुलंदशहरी
कलाम
ये दिल है वो मकाँ जो ला-मकाँ वाले की मंज़िल हैवो लैला है इसी में ये उसी लैला का महमिल है