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कलाम
अपनी निगाह-ए-शौक़ को रोका करेंगे हमवो ख़ुद करें निगाह तो फिर क्या करेंगे हम
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
कलाम
ऐ जान-ए-जहाँ कब तक ये गोशा-ए-तन्हाईसब दीद के तालिब हैं जितने हैं तमाशाई
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
कलाम
मकतब-ए-'इश्क़ में मा'लूम नहीं लेगा कौनदरस-ए-उफ़्तादगी-ओ-दरस-ए-फ़ना मेरे बा'द
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
कलाम
विलायत इम्तिहान-ए-दोस्त में साबित क़दम रहनाबलाओं से न घबराना करामत इस को कहते हैं
मौलाना हिदायत रसूल
कलाम
पढ़ो बादा-गुसारो अब नमाज़-ए-ख़ुद फ़रामोशीसदा-ए-क़ुलक़ुल-ए-मीना हुई तकबीर-ए-मय-ख़ाना
मौलाना अ’ब्दुल क़दीर हसरत
कलाम
शाद अज़ीमाबादी
कलाम
तनज़ीह मिस्ल-ए-बहर है तश्बीह उस की लहर हैदोनों का एक दिखना बहुत मुश्किल भी है आसान भी है
शाह सिद्दीक़ सौदागर
कलाम
अज़्म-ए-फ़रियाद! उन्हें ऐ दिल-ए-नाशाद नहींमस्लक-ए-अहल-ए-वफ़ा ज़ब्त है फ़रियाद नहीं
सीमाब अकबराबादी
कलाम
तरब आश्ना-ए-ख़रोश हो तू नवा है महरम-ए-गोश होवो सरोद क्या कि छुपा हुआ हो सुकूत-ए-पर्दा-ए-साज़ में
अल्लामा इक़बाल
कलाम
आईना-ए-’अली को देख हुस्न-ए-मोहम्मदी को देखकर के निसार जान-ए-वतन 'आशिक़-ए-सरफ़राज़ बन