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कलाम
हर दाइरा आवाज़ का लफ़्ज़-ए-मोहम्मद बन गयामेरे लिए तो क़िब्ला-ए-सौत-ओ-सदा भी आप हैं
अहमद नदीम क़ासमी
कलाम
ऐ सय्यद मोहम्मद जान 'क़दीर' तेरी सूरत में है भेद छुपादीवाना करीमुल्लाह ने दीवाना बना कर छोड़ दिया
मोहम्मद बादशाह क़दीर
कलाम
मोहम्मद बादशाह क़ादरी
कलाम
घनी शाख़ों में छुप कर जब कोई चिड़िया चहकती हैतो मेरे दिल में क्यूँ हसरत की चिंगारी भड़कती है
अहमद नदीम क़ासमी
कलाम
चला आहिस्ता-आहिस्ता तिरे कलिमा से दम मेरानज़्अ' में कैसे भूलूँ है वज़ीफ़ा दम-बदम मेरा
मोहम्मद बादशाह क़दीर
कलाम
टुक साथ हो हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले'आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले
मिर्ज़ा मोहम्मद अली फ़िदवी
कलाम
मैं बुरा हूँ या भला हूँ मेरी लाज को निभानामुझे जानता है साजन तेरे नाम से ज़माना
मोहम्मद अली ज़ुहूरी
कलाम
मैं भी अदना साक़िया तेरे तलब-गारों में हूँचौदहवीं का चाँद तू है मैं तिरे तारों में हूँ
मोहम्मद बादशाह क़दीर
कलाम
हर नक़्शा किस से हक़ के सिवा मुम्किनात काहर फ़र्द है जहाँ में आईना ज़ात का